मुंबई, 21 अक्टूबर। बॉलीवुड के किंग ऑफ रोमांस कहे जाने वाले फिल्मकार यश चोपड़ा को स्विट्जरलैंड से बहुत प्यार था और उन्होंने अपनी ज्यादातर फिल्मों में यहां की खूबसूरती को बखूबी दिखाया था।
यश चोपड़ा ने अपनी कई फिल्मों में स्विटजरलैंड की खूबसूरत वादियों में शूटिंग की थी। अपनी फिल्मों के जरिए यश चोपड़ा ने स्विट्जरलैंड के टूरिजम को बढ़ाने में काफी मदद की थी, जिसके लिए वहां की सरकार ने यश चोपड़ा को को ऐसा सम्मान दिया, जो इतिहास में दर्ज हो गया।वर्ष 2016 में स्विट्जरलैंड सरकार ने वहां यश चोपड़ा की कांस्य यानी ब्रोंज की एक मूर्ति लगवाई, जिसका वजन 250 किलो है। इसे स्विट्जरलैंड के इंटरलेकन में कांग्रेस सेंटर में लगाया गया है। स्विट्जरलैंड में यश चोपड़ा के नाम से स्पेशल ट्रेन चलाई गई। वर्ष 2011 में वहां की रेलवे ने यश चोपड़ा के नाम से एक ट्रेन की शुरुआत की थी। इस ट्रेन पर यश चोपड़ा के नाम का बोर्ड और सिग्नेचर है। स्विट्जरलैंड में एक लेक का नाम यश चोपड़ा के नाम पर है, जिसका नाम स्विट्जरलैंड में यश चोपड़ा के नाम एक सड़क भी है। इंटरलेन की मेन स्ट्रीट का नामकरण यश चोपड़ा के नाम पर किया गया।
पंजाब के लाहौर में 27 सितंबर 1932 को जन्में यश चोपड़ा के बड़े भाई बी.आर.चोपड़ा फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने निर्माता-निर्देशक थे। वर्ष 1945 में उनका परिवार पंजाब के लुधियाना में आकर बस गया था। कहा जाता है कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे, तब वह इंजीनियर बनना चाहते थे। वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन भी जाने वाले थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनकी किस्मत उन्हें फिल्मों की ओर लेकर आई, वह फिल्मी दुनिया का हिस्सा बनने के लिए मुंबई आ गए। अपने करियर के शुरूआती दौर में यश चोपड़ा ने आइ.एस .जौहर के साथ बतौर सहायक काम किया। बतौर निर्देशक यश चोपड़ा ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1959 में अपने भाई के बैनर तले बनी फिल्म धूल का फूल से की।
वर्ष 1961 में यश चोपड़ा को एक बार फिर से अपने भाई के बैनर तले बनी फिल्म धर्म पुत्र को निर्देशित करने का मौका मिला । इस फिल्म से ही बतौर अभिनेता शशि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत की थी। वर्ष 1965 में प्रदर्शित फिल्म वक्त यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी उत्कृष्ठ फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म को बॉलीवुड की पहली मल्टीस्टारर फिल्म माना जाता है। वक्त में बलराज साहनी राजकुमार सुनील दत्त शशि कपूर और रहमान ने मुख्य भूमिकायें निभायी थीं।
वर्ष 1969 में यश चोपड़ा के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म इत्तेफाक प्रदर्शित हुयी। दिलचस्प बात है कि राजेश खन्ना और नंदा की जोड़ी वाली संस्पेंस थ्रिलर इस फिल्म में कोई गीत नहीं था बावजूद इसके फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया और उसे सुपरहिट बना दिया। वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म ‘दाग’ के जरिये यश चोपड़ा ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और यश राज बैनर की स्थापना की। राजेश खन्ना शर्मिला टैगोर और राखी अभिनीत यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘दीवार’ यश चोपड़ा के सिने करियर के लिये मील का पत्थर साबित हुयी।