आईएनएस निर्देशक नौसेना के बेड़े में शामिल

आईएनएस निर्देशक नौसेना के बेड़े में शामिल

नयी दिल्ली 18 दिसम्बर । सर्वेक्षण पोत परियोजना के दूसरे पोत ‘आईएनएस निर्देशक’ को बुधवार को  विशाखापत्तनम में  रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ की अध्यक्षता में आयोजित एक समारोह में नौसेना में शामिल किया गया।
      नौसेना के अनुसार नौसेना की पूर्वी कमान के प्रमुख  वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) कोलकाता में निर्माणाधीन सर्वेक्षण पोत  परियोजना के चार जहाजों में से दूसरे को औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल करने के लिए कमीशनिंग समारोह की मेजबानी की।
  इस पोत को हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने, नेविगेशन में सहायता करने और समुद्री संचालन का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।    
   रक्षा राज्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अत्यधिक विशिष्ट जहाज – सर्वेक्षण पोत  महासागरों का नक्शा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ये परिष्कृत प्लेटफॉर्म हैं जो समुद्री डेटा के अधिक सटीक मिलान, इसके सटीक प्रसंस्करण और परिणामस्वरूप, अत्यधिक विश्वसनीय चार्ट की अनुमति देते हैं जो समुद्री संचालन और सुरक्षा को बढ़ाते हैं। उन्होंने  कहा कि सर्वेक्षण जहाज एक विश्वसनीय समुद्री कूटनीति उपकरण के रूप में भी काम करते हैं। उन्होंने कहा ,  “जब हमारे सर्वेक्षण जहाज किसी मित्र देश के समर्थन में मिशन पर जाते हैं, तो वे भारत के विश्वास को दर्शाते हैं । ” इससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने और लंबी अवधि में व्यापार के अवसरों को खोलने और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए सर्वेक्षण जहाज हमें और भी शक्तिशाली बनाएंगे, क्योंकि विदेशी बेड़े हाइड्रोग्राफ़िक सहयोग के लिए भारतीय नौसेना की ओर देख रहे हैं।


   अस्सी प्रतिशत से ज़्यादा स्वदेशी सामग्री से निर्मित इस पोत में मल्टी बीम इको साउंडर्स, साइड स्कैन सोनार, ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल , रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल  आदि जैसे उन्नत हाइड्रोग्राफ़िक सिस्टम लगे हैं। ये गहरे समुद्र में सुरक्षित नेविगेशन और योजना के लिए सटीक मैपिंग को सक्षम करते हैं,।
    यह पोत हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा और पर्यावरणीय संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देगा तथा क्षेत्रीय सहयोग, वैज्ञानिक अन्वेषण और शांति अभियानों में भारत के नेतृत्व को मजबूत करेगा। यह पोत मित्र देशों के साथ साझा समुद्री डेटा को बढ़ावा देकर सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) पहल को मजबूत करेगा।

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