नयी दिल्ली 20 दिसंबर । भारतीय खेलों के लिए वर्ष 2024 एक यादगार वर्ष रहा है जिसमें देश ने वैश्विक मंच पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। पेरिस पैरालिंपिक खेलों में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन से लेकर शतरंज में ऐतिहासिक जीत और खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने तक भारत ने कई क्षेत्रों में अपनी बढ़ती ताकत का प्रदर्शन किया है।
अभूतपूर्व पहलों और एथलीट सशक्तिकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने वाली ये उल्लेखनीय उपलब्धियां खेल उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
भारत ने पेरिस ओलिंपिक खेलों 2024 में अपनी भागीदारी एक रजत और पांच कांस्य सहित छह पदकों की शानदार जीत के साथ पूरी की। इस उपलब्धि में निशानेबाजी की अहम भूमिका रही जिसमें एथलीट मनु भाकर, सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले ने तीन कांस्य पदक जीते। इसके अलावा नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में रजत पदक जीता, अमन सेहरावत ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता और भारतीय हॉकी टीम ने सफलतापूर्वक अपना कांस्य पदक बरकरार रखा।
राष्ट्रीय गौरव के इस क्षण में सभी पदक विजेता एथलीटों को 15 अगस्त 2024 को लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत
की।
28 अगस्त से 08 सितंबर 2024 तक आयोजित पेरिस पैरालिंपिक 2024 खेलों में भारत ने अपने अब तक के सबसे बड़े दल के साथ इतिहास रच दिया। एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य सहित 29 पदक जीते और पदक तालिका में 18वां स्थान हासिल किया। यह ऐतिहासिक प्रदर्शन पैरालंपिक इतिहास में देश की अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है।
फिडे शतरंज ओलिंपियाड और विश्व शतरंज चैंपियनशिप हंगरी के बुडापेस्ट में 45वें फिडे शतरंज ओलंपियाड में देश की शतरंज प्रतिभा ने नई ऊंचाइयों को छुआ। जहां भारतीय पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। गुकेश डी, प्रग्गनानंद आर, अर्जुन एरिगैसी और विदित गुजराती जैसे शानदार खिलाड़ियों वाली पुरुष टीम ने प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाकर 11 में से 10 मैच जीते और अंतिम दौर में स्लोवेनिया को हराया। गुकेश डी और अर्जुन एरिगैसी ने अपने असाधारण प्रदर्शन के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते।
हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली आर, दिव्या दशमुख, वंतिका अग्रवाल और तानिया सचदेव की भारतीय महिला टीम ने शुरुआती झटकों से उबरते हुए फाइनल राउंड में अजरबैजान को हराकर खिताब अपने नाम किया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत के युवा शतरंज खिलाड़ियों की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की और विजयी टीमों को नयी दिल्ली में सम्मानित किया जिसमें भारतीय शतरंज इतिहास में इस उल्लेखनीय उपलब्धि का जश्न मनाया गया।
एक असाधारण उपलब्धि के तहत डी. गुकेश ने सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर 2024 में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन के रूप में भी इतिहास रच दिया।
अस्मिता महिला लीग पूरे देश में 20 खेल विधाओं में आयोजित की गई हैं जिसका उद्देश्य छोटे शहरों और गांवों से भी महिला एथलीटों को शामिल करना है। अब तक आयोजित 766 प्रतियोगिताओं में 83,763 महिला एथलीटों ने इस पहल में भाग लिया है जिससे खेलों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है।
कीर्ति (खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन) कार्यक्रम ने पूरे भारत में युवा खेल प्रतिभाओं की पहचान करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आधुनिक तकनीक और सर्वोत्तम विधियों का उपयोग करते हुए कार्यक्रम के दो चरण पूरे हो चुके हैं। 9 से 18 वर्ष की आयु के बीच स्कूल जाने वाले बच्चों की पहचान करने के लिए देश भर में 1.8 लाख से अधिक दक्षता परीक्षण आयोजित किए गए हैं जिससे एक निर्बाध और कुशल प्रतिभा पहचान प्रणाली सुनिश्चित हुई है।
रीसेट (पूर्व खिलाड़ी सशक्तिकरण प्रशिक्षण) कार्यक्रम 29 अगस्त 2024 को पूर्व खिलाड़ियों को सशक्त बनाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम पूर्व खिलाड़ियों को आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करता है जिससे उन्हें विभिन्न करियर क्षेत्रों में अधिक रोजगार योग्य बनाया जा सके। अब तक 18 विषयों में 14 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 30 प्रशिक्षुओं ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।