जीईऐपीपी और यूपीईआईडीऐ मिल कर करेंगे सोलर पार्क की स्थापना

जीईऐपीपी और यूपीईआईडीऐ मिल कर करेंगे सोलर पार्क की स्थापना

लखनऊ, 25 अक्टूबर । स्थायी ऊर्जा के भविष्य की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए ग्लोबल एनर्जी अलायन्स फॉर पीपल एण्ड प्लेनेट (जीईऐपीपी) ने बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे पर 450-500 मेगावॉट सोलर पार्क के विकास के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेन्ट ऑथोरिटी (यूपीईआईडीऐ) के साथ साझेदारी की है।
    अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि देश में अपनी तरह की अनूठी यह महत्वाकांक्षी परियोजना 296 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे पर हरित ऊर्जा कॉरीडोर बनाएगी तथा क्षेत्र को बड़े पैमाने के सौर ऊर्जा से संचालित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मॉडल के रूप में स्थापित करेगी।
       उन्होने बताया कि 1800 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित यह परियोजना प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली उत्पन्न करेगी। 1700 हेक्टेयर उपलब्ध क्षेत्रफल के साथ यह सोलर पार्क बिल्ड-ऑन-ऑपरेट मॉडल पर काम करेगा। परियोजना की कुल अवधि कमर्शियल संचालन की तारीख से 25 सालों के लिए विस्तारित की गई है, जो आर्थिक एवं पर्यावरण स्थायित्व में दीर्घकालिक निवेश है।
       उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज़ इंडस्ट्रियल डेवलपमेन्ट ऑथोरिटी (यूपीईआईडीऐ) ने पिछली आठ अक्टूबर को ग्लोबल ई-बिड्स आमंत्रित करते हुए रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोज़ल (आरएफपी) जारी किया था।
      प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा “ जीईऐपीपी के साथ हमारी साझेदारी बुंदेलखंड एक्सप्रेवे पर स्थायी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हम इस सोलर पार्क परियोजना के लिए अपनी ई-बिडिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए विश्वस्तरीय डेवलपर्स को आमंत्रित करेंगे। यह नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर से जुड़े इनोवेटर्स के लिए अच्छा मौका है कि वे हमारे साथ मिलकर बड़े पैमाने का आर्थिक रूप से व्यवहारिक ऊर्जा समाधान ला सकते हैं, जो न सिर्फ हमारे क्षेत्र को लाभान्वित करेगा बल्कि देश भर की भावी परियोजनाओं के विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।”
     जीईऐपीपी के वाइस प्रेसीडेंट सौरभ कुमार ने कहा “ हम बुंदेलखड एक्सप्रेसवे के किनारे सोलर पार्क के विकास में यूपीईआईडीऐ को सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो न सिर्फ क्षेत्रीय ऊर्जा की आपूर्ति को बढ़ावा देगा बल्कि देश भर में स्थायी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बेंचमार्क भी स्थापित करेगा। यह परियोजना खासतौर पर उच्च सौर क्षमता वाले क्षेत्रों में आधुनिक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है और साथ ही देश भर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में स्वच्छ उर्जा समाधानों को शामिल करने के लिए मॉडल के रूप में काम  करती है।”

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