महाकुंभ नगर, 21 दिसंबर। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महाकुंभ मेले में आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म के अद्भुत मेल “डोम सिटी” का आगंतुक लुत्फ उठा सकेंगे।
संगम की विस्तीर्ण रेती पर महाकुंभ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुंभ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाएगा।
डोम सिटी पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर 51 करोड़ रूपए की लागत से साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।
श्री जौहरी ने बताया कि यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक अथवा श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुंभ का अद्भुत नजारा देख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। काटेज में हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन एक लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी।
कंपनी के निदेशक का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।