
लखनऊ 03 जनवरी । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने करीब सात साल पुराने हत्या के एक मामले में दोषी 28 लोगों को आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है।
एनआईए के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने शुक्रवार को यह सजा सुनायी। आज मामले की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की गयी।
गौरतलब है कि 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य चंदन गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। हिंसक भीड़ ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। मामला शुरु में स्थानीय अदालत में चला मगर बाद में इसे एनआईए के सुपुर्द किया गया। जांच के बाद अदालत में 28 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया।
गवाह और सबूतों के आधार पर अदालत ने गुरुवार को सभी 28 लोगों को इस जघन्य वारदात का दोषी पाया और आज इन सभी को उम्रकैद और तिरंगे का अपमान करने के लिये तीन तीन साल कारावास की सजा सुनायी गयी। इस मामले में एक दोषी सलीम गुरुवार को अदालत में पेश नहीं हुआ था जिसने आज अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सलीम,नसीम,वसीम,जाहिद उर्फ जग्गा,आसिफ कुरेशी उर्फ हिटलर,असलम कुरेशी,अकरम, तौफीक,खिल्लन,शबाव,राहत,सलमान,मोहसिन,आसिफ जिमवाला,शाकिब,बब्लू,नीशू,वासिफ,इमरान,शमशाद,जफर, शाकिर,खालिद,फैजान,इमरान,शाकिर,मुनाजिर रफीक और आमिर रफीक को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी वहीं राष्ट्रीय ध्वज अपमान (निवारण) की धारा 2 के अंतर्गत प्रत्येक को तीन वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है।